tumbbad village shooting location:तुम्बाड़ फिल्म 2018 में आयी बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म थी जिसने अपनी स्टोरी और हॉरर से बॉलीवुड को थर थर कपा कर रख दिया था फिल्म का प्रमोशन सही ढंग से न किया जाने की वजह से शुरुवात में ये फिल्म ज़ादा लोगो के बीच नहीं पहुंच सकी पर धीरे धीरे जैसे जैसे लोगो ने इस फिल्म को देखा अच्छे वर्ड ऑफ़ माउथ की वजह से
ये फिल्म और लोगो तक पहुंचने लगी तुम्बाड़ फिल्म बेहद कम बजट में तैयार की गयी थी इसका बजट सिर्फ और सिर्फ 5 करोड़ रूपये के आस पास ही था पर फिल्म ने अपने बजट से कुछ ज्यादा की ही कमाई कर ली थी अगर मोटा मोटा देखा जाए तो इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर पूरे १४ करोडो रूपये का कलेक्शन किया था।
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tumbbad village shooting location कौन से गांव में हुई थी तुम्बाड़ शूटिंग
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तुम्बाड़ फिल्म रिलीज़ तो 2018 में की गयी थी पर अपनी स्टोरी की वजह से ये फिल्म आज भी लोगो के बीच में चर्चा का विषय बनी हुई है इस तरह की फिल्मे हमारे बॉलीवुड में बहुत कम ही बनाई जाती है फिल्म इतनी क्रेटिव और डार्क तरीके से बनाई गयी थी के अगर आप इस फिल्म को रात में अकेले रूम में देखेंगे तो डेफिनेटली आप कितने भी हिम्मत वाले क्यों न हो हिम्मत हार जायेगे फिल्म के डरवाने सीन के आगे।
इस फिल्म के बारिश के वो सीन जो फिल्म के हॉरर में और जान भर देते है फिल्म के ज्यादा तर हिस्से में बारिश होते हुए दिखायी जाती है यही वजह रही थी के इस फिल्म को बनने में पुरे ६ साल का टाइम लग गया था फिल्म को देख कर ही ऐसा लगता है के इसको ज़ादा टाइम दे कर ही बनाया गया है।
किस गांव में हुई थी तुम्बाड़ फिल्म की शूटिंग महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में स्थित तुम्बाड नामक सुदूर गाँव में की गई थी।
फिल्म के डायरेक्टर अपने एक दोस्त के साथ एक जंगल में घूमने जा रहे थे तभी उनके दोस्त ने उनको एक स्टोरी सुनाई वो कहानी सुनकर वो डर से गए थे और उन्होंने उसी से मिलती जुलती एक कहानी लिखी जिसका नाम तुम्बाड़ दिया गया इसकी शूटिंग महाराष्ट्र के कोंकण के एक गांव तुम्बाड़ में की गयी थी।
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फिल्म में अधिकतर बारिश के सीन होने की वजह से डायरेक्टर इसको ओरिजनल बारिश में शूट करना चाहते थे यही वजह रही थी के इस फिल्म को बनने में पूरे ६ महीने का टाइम लगा और एक अच्छी फिल्म बनकर तैयार हुई फिल्म में पुरे चार मानसून का टाइम लिया गया था ज्यादा तर इस फिल्म की शूटिंग बारिश के महीने में ही की जाती थी।
बात करे अगर तुम्बाड़ गांव की तो ये गांव पुणे शहर से बहुत ज्यादा दूर नहीं है बस ये एक छिपा हुआ छोटा सा गांव है तुम्बाड़ गांव के आस पास के लोगो का ये मनना है के तुम्बाड़ गांव में रियल में खजाना छिपा हुआ है ऐसी मान्यताये है के वहा के पूर्वजो ने इस गांव में खजाने को छिपाया था पर कहा छिपा हुआ है
इस बात के बारे में किसी को भी नहीं पता फिल्म में डर भरने के लिए डायरेक्टर ने इसको रियल की लोकेशन पर ही शूट करने का फैसला किया था ताकि फिल्म में वास्तविक भाव लाया जा सके इस गांव के आस पास के लोगो का ये भी मानना है के तुम्बाड़ गांव एक श्रापित गांव है लोग इस बारे में ज्यादा बात करते हुए डरते है।
कहा है वो भूतिया घर जहा हुई थी तुम्बाड़ की शूटिंग
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तुम्बाड़ फिल्म में दिखाया जाने वाला घर जहा पर विनायक राव और उसका छोटा भाई के साथ उसकी माँ रहती है फिल्म में दिखाए गए इस घर की लोकेशन महारष्ट्र के सतरा डिस्ट्रिक के एक गांव की है ये गांव अपने प्राचीन मंदिरो और संग्राहलयों के लिए जाना जाता है इस घर को काली मिट्टी से बनाया गया था और घर को पुराना दिखाने के लिए इस के ऊपर घास बिछाई गयी थी घर के अंदर का जो हिस्सा होता है उसका बॉम्बे में सेट तैयार किया गया था।
फिल्म में विनायक की दादी का जो कैरेक्टर है वो किसी महिला ने नहीं किया था बल्कि एक १४ साल के लड़के ने किया था जिनका नाम पियूष था ये पियूष वही है जिसने तुम्बाड़ फिल्म के अंदर विनायक के बेटे का किरदार निभाया है।
दादी के जमीन में धसे वाले सीन में पियूष को जमीन में गाड़ दिया जाता है और उसका सिर्फ सर ही बाहर निकाला जाता है इसमें असली के पेड़ की डालियो का इस्तेमाल किया गया था फिल्म के एक सीन में जो दादी का हार्ट धड़कता हुआ दिखाया गया है वो हार्ट नकली नहीं था उसको क्रिएट करने के लिये डमी हार्ट में दो गुब्बरो को लगाया गया था
और उस हार्ट को धड़काने के लिए बाहर चार लोग पंप करते थे फिल्म में दिखाई जाने वाली बस को पुराने लुक में लाने के लिए एक नई बस को मोडिफाई किया गया था फिल्म की शूटिंग के लिए कई दिनों तक रियल बारिश का इंतज़ार करना होता था
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