दोस्तों बात करते है best movie in the world कही जाने वाली फिल्म की स्टोरी के बारे में जो की सिर्फ और सिर्फ १० मिनट की थी और इस फिल्म को बहुत सारे नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड भी दिए गए थे और इस फिल्म को बहुत से लोग देखना चाहते थे लोगो की भीड़ थियेटर में बढ़ने लगी थी जिससे इस फिल्म की पॉपुलर्टी दिन पर दिन बढ़ने लगी थी बूढ़ा हो या जवान सभी इस फिल्म को देखने के इच्चुक थे के आखिर इस फिल्म में ऐसा क्या दिखा दिया गया था जो इस फिल्म को सभी लोग देखना चाहते है।
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क्यों रोने लगे लोग इस फिल्म को देख कर
लोग इस फिल्म को देखने थियेटर पहुंचे तब लोगो के दिलो में एक किरयोसिटी बनने लगी के आखिर कैसी होने वाली है ये फिल्म ऐसा क्या दिखाया जाएगा इस फिल्म के पहले सीन में इसमें एक छत की सीलिंग नज़र आयी जिसको लोग बहुत ध्यान से देखने लगे तभी कुछ देर बाद लोग ये सोचने लगे के आखिर फ्रेम बदल क्यों नहीं रहा है कोई टेक्निकल फाल्ट तो नहीं आगयी है जो ये एक ही सीन पर ये फिल्म अटक के रह गयी है 9 मिनट हो चुके थे पर ये सीन ऐसे ही परदे पर बना हुआ था
–best movie in the world–
क्यों कहलायी best movie in the world
लोगो को गुस्सा आने लगा के आखिर बात क्या है इस फिल्म में कुछ और है भी या बस यही दिखाया जायगा लोग इस फिल्म को छोड़कर जाने लगे १५ मिनट बीत जाने के बाद इस फिल्म का छत की सीलिंग वाला सीन बदल गया तब लोगो को लगा शायद अब फिल्म की शुरवात होगी पर अगले सीन में एक हॉस्पिटल का दर्शय को दिखाया गया
जिसमे एक बंदा हॉस्पिटल की बेड पर लेटा हुआ है और वो ऊपर की ओर हॉस्पिटल की छत की सीलिंग की तरफ देखे जा रहा था ये देख कर दर्शको के बीच सन्नाटा सा छा गया
और लोग एकाग्र होकर देखने लगे के आखिर इसका मतलब क्या है तभी दोबारा से वो छत की सीलिंग वाला दर्शय आगया और नीचे लिख कर आया के आप सभी लोग इस छत की सीलिंग वाले दृश्य को १० मिनट भी नहीं देख सके आप लोगो को गुस्सा आने लगा आप लोगो को फरस्ट्रेशन होने लगी
आपने फिल्म छोड़ कर जाने का मन भी बना लिया आप बेकाबू हो गए पर सोचिये वो इंसान जो इस बेड पर लेटा हुआ है वो कई सालो से छत की सीलिंग को देख रहा है अपनी बीमारी की वजह से और शायद आने वाले १० साल तक वो ऐसे ही इस छत को देखता रहेगा क्युके वो मज़बूर है वो अपना सर इधर उधर नहीं घुमा सकता है
–best movie in the world–
वो हिल नहीं सकता न ही बात कर सकता है न गुस्सा कर सकता है बस वो इंसान देख सकता है आप १० मिनट नहीं देख पाए वो इतने सालो से इस सीलिंग को देख रहा है आपलोग ज़रा सोचिये के उस बन्दे पर क्या गुजरती होगी कितना दर्द उस शख्स के अंदर छिपा होगा।
अगर आप लोग अपनी मर्ज़ी से अपने हाथ पैर नज़रे हिला सकते है आप बात कर पा रहे है आप ये समझे के आप बहुत लकी है की जो आप अपनी मर्ज़ी से ये सब कुछ कर पा रहे है आप को परेशानी का पता भी नहीं है के परेशानिया क्या होती है आप अपनी ज़िंदगी की छोटी-छोटी परेशनियो से घबरा जाते है डरने लगते है डिप्रेशन एंजायटी जैसी बीमारियों से घिर जाते है।
जितने भी लोग थियेटर में थे सबकी आँखों से लगातार आंसू गिर रहे थे किसी को लग रहा था के मै बहुत लकी हूँ और कोई उस बेड पर लेटे हुए इंसान की घुटन को उसके दर्द को महसूस कर के रो रहा था सबकी आंख में आंसू थे शायद आपकी भी आँख में भी इस आर्टिकल को पड़ कर आंसू आजाये तो आज से आप खुद को बहुत किस्मत वाला समझिये
के ऊपर वाले ने आप को बहुत कुछ दिया है उसका शुक्रिया अदा करे छोटी छोटी ज़िंदगी की प्रॉब्लम से घबराये नहीं ये प्रॉब्लम कुछ भी नहीं है आपकी ये प्रॉब्लम बहुत छोटी है जितना मिला है उसमे खुश रहना सीखिए ऐसी ही मनोरजक स्टोरी के लिए जुड़े रहे हमारे साथ धन्यवाद
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