7 must watch films for children:हम अपने जीवन मे होने वाली हर छोटी बड़ी चीज से कुछ न कुछ सीखते हैं और सीखने की इस लिस्ट मे एक नाम जो मेरे हिसाब से सबसे पहले आता है वो है फ़िल्में जिनसे हम खुद के मनोरंजन के साथ साथ बहुत कुछ सीखते भी हैं और बात अगर बच्चों की हो तो ये विषय और भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हो जाता क्यूंकि बच्चे वही सीखते हैं
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जो कुछ वो देखते हैं तो अगर हम फिल्मों के ज़रिये उन्हें मोटिवेट करना चाहते हैं तो कुछ ऐसी फ़िल्में हैं जिनको दिखा कर हम बच्चों के दिमाग को मोटिवेट कर सकते हैं उन्हें आगे बढ़ने और जीवन मे कामयाब बनने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। तो आइये आज इस आर्टिकल मे हम जानते हैं की ऐसी कौन कौन सी फ़िल्में हैं जिन्हे हम बच्चों को दिखा कर उनको मेंटली सपोर्ट कर सकते हैं उनके थॉट्स को बिल्ड कर सकते हैं –
7 must watch films for children जो हमारे आपके बच्चो को सिखाती है के ज़िंदगी की जंग को कैसे जीता जाये
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चार्ली 777
ये साउथ की एक फिल्म है जिसमें मनुष्य और एक पालतू कुत्ते के बीच इमोशंस और मानवता की कहानी दिखाई गई है जो बच्चों को दिखाने के लिए एक दम उपयुक्त कहानी है। इसके ज़रिये बच्चों मे एक दूसरे के प्रति तत्पर और प्रेम भावना रखने की सीख पैदा की जा सकती है बच्चों के मानसिक डेवलपमेन्ट मे सहायक हो सकती है ये फिल्म।
इस फिल्म की कहानी कन्नड़ सिनेमा के एक फेमस एक्टर रक्षित शेट्टी के जीवन पर आधारित है जो अपने जीवन से पूरी तरह से आशाहीन हो चूका है नीरसता से भरा जीवन जी रहा होता है डेली के एक जैसे रूटीन के साथ लेकिन एक दिन उसके दरवाज़े पर एक कुत्ता आजाता है जिसे भगाने की लाख कोशिश करने के बाद भी वो कुत्ता वहां से नहीं भागता है
और आखिर मे रोहित शेट्टी के दिल मे कुत्ते के लिए प्रेम भाव जन्म ले लेता है वहीं से शुरु होता है कहानी का दूसरा भाग जो निराशा को आशा मे बदल देता है। बच्चों को मनुष्यों के साथ साथ जानवरो के प्रति प्रेम भाव और मानवता पैदा करने के लिए एक बहुत अच्छी फिल्म है।
तारे ज़मीन पर
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2007 में रिलीज होने वाली आमिर खान द्वारा निर्मित इस फिल्म ने उस साल की पांचवीं सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म में अपना नाम दर्ज कराया था और 53rd फिल्मफेयर अवार्ड के 11 नॉमिनेशंस मे भी अपना नाम दर्ज कराया था जो बेस्ट लीड रोल, बेस्ट सपोर्टिंग रोल, बेस्ट स्टोरी,
बेस्ट डायरेक्टर,बेस्ट एक्टर, बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट कोरियोग्राफर आदि नॉमिनेशंस थे।
ये फिल्म आपको अपने बच्चों को ज़रूर दिखानी चाहिए क्यूंकि इसकी कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है बच्चों मे हीन भावना को ख़त्म कर के उनके माइंड को शार्प करने मे मदद करेगी ये फिल्म बच्चों के दिल से स्कूल के डर को निकाल कर स्कूल को उनके लिए सबसे श्रेष्ठ जगह समझने के लिए बहुत मददगार साबित होगी क्यूंकि इस फिल्म की कहानी एक शिक्षक और स्टूडेंट के बीच की बॉन्डिंग को दिखाती है।
पढ़ने मे कमजोर बच्चे को आगे बढ़ने मे प्रोत्साहित करते हुए शिक्षक की भूमिका को सामने रखा गया है। इस फिल्म को इसी वजह से must watch films for children की लिस्ट मे रखा गया है।
धनक
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धनक एक इमोशंस और उम्मीदों से भरी हुई कहानी है जिसमें दो भाई और बहन का आपसी प्यार दिखाया गया है और ये फिल्म आपको अपने बच्चों को ज़रूर दिखानी चाहिए उनमे आपसी प्यार लगाओ और एक दूसरे की मदद करने की भावना को पैदा करने के लिए। इस फिल्म को 2015 मे रिलीज़ किया गया था और इसकी कहानी दो भाई बहन की जिंदगी से जुड़ी हुई आगे बढ़ती है।
दरअसल फिल्म के लीड रोल के करैक्टर मे दिखाए गए बच्चे chotu (krish Chabriya) को नेत्रहीन दिखाया गया है और उसकी बहन pari (Hetal Gadda) जो की srk की फैन होती है जब srk के साथ एक पोस्टर देखती है जिसमें फ्री नेतृदान की खबर छपी होती है तो अपने भाई को लेकर अकेली लम्बे सफर को तय करने के लिए चल देती है ताकि अपने भाई की आँखों का इलाज करवा सके।
चिल्लर पार्टी
8 जुलाई 2011 को रिलीज होने वाली फिल्म चिल्लर पार्टी को सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था जो इस बात को साबित कर रहा है की ये फिल्म बच्चों के लिए must watch films for children मे से एक है जो आपको अपने बच्चों को ज़रूर दिखानी चाहिए।
इस फिल्म से न सिर्फ बच्चों तक बल्कि बड़ों को भी ये सन्देश मिलता है की दोस्ती और एक दूसरे की फ़िक्र हमारे लिए किस प्रकार मूल्यांवान और आवश्यक है।छोटी छोटी चीज़े किस प्रकार बड़े बदलाव लाने मे सहायता करती है अपने आस पास के वातावरण मे सकारात्मक सोच को पैदा करने के लिए सच्चाई के साथ खड़ा रहना कितना ज़रूरी है इस बात को बच्चों को समझाने मे मदद करेगी ये फिल्म।
बम बम बोले
फिल्म इंडस्ट्री के एक मशहूर डायरेक्टर प्रियदर्शन की एक बहुत ही अच्छी फिल्म है बम बम बोले जिसमें दो बच्चों भाई और बहन की कहानी दिखाई गई है मां-बाप की बिगड़ी हुई आर्थिक स्थिति में किस प्रकार दोनों बुरी परिस्थितियों में भी हंस कर सामना करते हैं और जो भी उनके पास मौजूद है उसमें खुश रहने की कोशिश करते हैं।
दरअसल इस फिल्म में दो भाई और बहन दिखाए गए हैं जिनके माता-पिता का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है उनके एक बच्चे के जूते फट गए हैं और उसको जूते की जरूरत है तो किस प्रकार दोनों बच्चे मिलकर स्थिति का सामना करते हैं और हल निकालते हैं इसी पर आधारित है यह फिल्म जो बच्चों के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती है आपको अपने बच्चों को जरूर दिखानी चाहिए।
इक़बाल
यह फिल्म बच्चों के लिए एक अच्छी मोटिवेशनल कहानी साबित हुई है और यही कारण है कि इस फिल्म को दो नेशनल अवार्ड, जी सिने अवार्ड और iifa अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है। इस फिल्म कि कहानी एक मूकबधिर क्रिकेटर यशवंत प्रभाकर जिन्हें बाबा पेंथर के नाम से भी जाना जाता है की जिंदगी पर आधारित है।
इकबाल फिल्म को इस महान खिलाड़ी की जिंदगी से प्रेरित होकर बनाया गया है जिसमें बाबा पैंथर के कैरेक्टर को इकबाल के नाम से दिखाया गया है जो एक मूकबधिर लड़का है और भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होना चाहता है लेकिन उसकी शारीरिक कमियां उसके करियर के सामने खड़ी हो जाती हैं लेकिन वह हार नहीं मानता है और खुद को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए तैयार करने के लिए एक रिटायर्ड कोच की मदद लेता है और अपने इरादों में कामयाबी पाता है।
बच्चों को दिखाने के लिए एक बहुत ही मोटिवेशनल फिल्म है जो बच्चों में यह संदेश पहुंचाती है कि अगर इरादे पक्के हो तो शारीरिक कमी हमारे इरादों के आगे नहीं आ सकती।
12वीं फेल
2023 में रिलीज हुई फिल्म 12वीं फेल एक बहुत ही प्रेरणादायक कहानी है जिसे आप अपने बच्चों को दिखा सकते है यह फिल्म बच्चों और बड़ों दोनों को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार प्रयत्न करने की प्रेरणा देती है।
इस फिल्म की कहानी आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है जिनका किरदार निभा रहे हैं सिनेमा जगत के एक बहुत ही अच्छे कलाकार विक्रांत मैसी जो एक छोटे से गांव के रहने वाले दिखाए गए हैं और अपनी 12वीं की परीक्षा में फेल हो जाते हैं लेकिन इस असफलता के बाद वह अपने सपनों को नहीं छोड़ते हैं और कड़ी मेहनत करके यूपीएससी एक्जाम को पास करने में सफल हो जाते हैं।
यह फिल्म दर्शकों के लिए एक सबक लेकर आई है कि हमें अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए लगातार मेहनत करनी चाहिए, रास्ते में आने वाली छोटी-छोटी बधाओं से हार नहीं माननी चाहिए।
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